Sugar Diabetes In Hindi: दुनिया भर में सबसे ज़्यादा लोग अगर किसी बीमारी से पीड़ित हैं, तो वह है शुगर डायबिटीज़. यह एक भयंकर महामारी के रूप में दुनिया भर में फैल रही है. पूरी दुनिया में शुगर डायबिटीज से लगभग 415 मिलियन लोग प्रभावित हैं. आपको यह जानकर बड़ी हैरानी होगी कि अकेले भारत में ही इतनी बड़ी आबादी के आधे लोग यहाँ शुगर के मरीज़ हैं. मतलब की दुनिया भर में जितने Sugar Diabetes के मरीज़ हैं उसकी आधी आबादी हमारे भारत में पाई जाती है.
आने वाले समय में, भारत देश में Sugar Diabetes के मरीजों की संख्या 3 करोड़ पार कर जायेगी. डायबिटीज डॉट को डॉट इन वेबसाइट (1) के अनुसार सन 2040 तक दुनियाभर में शुगर के मरीजों की संख्या 642 मिलियन हो जायेगी.
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Sugar Diabetes In Hindi | शुगर डायबिटीज
आमतौर पर बोलचाल की भाषा में कुछ जगह इसको मधुमेह रोग या शकर की बीमारी भी कहा जाता है. अंग्रेज़ी में इसको शुगर डायबिटीज़ (Sugar Diabetes) कहते हैं.
इसके रोगी का जीवन बड़ा तकलीफ में गुज़रता है. दुनियाभर में हर 2 मिनिट में मधुमेह की वजह से एक की इंसान की मौत होती है.
What is Sugar Diabetes [Hindi] | शुगर डायबिटीज क्या है?
Warning symptoms of diabetes in Hindi: जब मानव शरीर में, इंसुलिन की मात्रा कम होकर रक्त में ग्लूकोज का स्तर (Level) उसकी निर्धारित मात्रा से बढ़ जाता है या उसके सामान्य लेवल से कम हो जाता है तो इस बीमारी को मधुमेह रोग कहते हैं.
शुगर डायबिटीज के मरीज को जब इसका दौरा पड़ता है, तो उस दौरान उसके गुर्दे, मस्तिष्क और उसके हार्ट फ़ैल होने की संभावना बढ़ जाती है.
सुनने में यह रोग बहुत सामान्य सा लगता है, और असल में मदुमेह का मरीज होना एक तरह से सामान्य ही है, क्योंकी एक उम्र की सीमा पार करने के बाद आमतौर पर ये अधिकतर लोगों में पाया जता है. लेकिन कभी-कभी डायबिटीज बहुत घातक सिद्ध हो सकती है, और इसमें रोगी की जान भी जा सकती है.
मधुमेह की बीमारी कब और कैसे होती है?
डायबिटीज की बीमारी सामान्य तौर पर 30 या 35 साल के बाद होती है. लेकिन आजकल कम उम्र के युवाओं जो 25 से 30 साल तक के हैं, इनमे भी यह बीमारी देखने को मिल रही है.
ऐसा इसीलिए भी हो रहा है, युवा पीढ़ी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में गलत तरीके से खानपान और आधुनिक लाइफस्टाइल अपना रही है. तभी हमारे भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
आयुर्वेदिक दवाओं और देशी इलाज के ज़रिये डाइबटीज को काफी हद तक कण्ट्रोल किया जा सकता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए परहेज़ सबसे अहम् है.
हालांकी कुछ लोगों में इस तरह के भ्रांतियां फ़ैली हुयी हैं की ये एक ला इलाज बीमारी है, लेकिन यह पूरा सच नहीं है. जब इलाज के दौरान परहेज़ नहीं करोगे तो इसके रोग और डॉक्टर क्या कर सकता है.
Types of sugar diabetes [Hindi]- डायबिटीज कितने प्रकार की होती है?
डायबिटीज़ दो प्रकार की होती है. Type 1 शुगर डायबिटीज़ और Type 2 शुगर डायबिटीज़
Type 1 sugar diabetes | टाइप १ शुगर डायबिटीज़
अधिकतर कम उम्र के बच्चों में या फिर 18 से 20 साल तक की उम्र के युवाओं में ये पाई जाती है. यह तब होती है जब हमारी Pancreas (अग्न्याशय) ग्रंथी शरीर में रक्त के लिए इन्सुलिन नहीं बना पाती.
इसे ही Type 1 Diabetes कहा जाता है. इसके मरीज़ को अपने खून में ग्लूकोज के लेवल की मात्रा को सामान्य रखने के लिए समय-समय पर इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं.
Type 2 sugar diabetes | टाइप २ शुगर डायबिटीज़
इस तरह की डायबिटीज में रोगी के शरीर के अन्दर इन्सुलिन तो बनता है, लेकिन वह शरीर की ज़रुरत के हिसाब से सही नहीं होता.
सारी दुनिया में टाइप २ डायबिटीज के सबसे ज़्यादा मरीज़ पाए जाते हैं. इस तरह की मधुमेह की बीमारी मोटापे की वजह से या फिर अनुवांशिक भी हो सकती है.
Symptoms of Diabetes in Hindi- डायबिटीज के लक्षण
- रोगी को बहुत कमज़ोरी महसूस होती है
- बार बार प्यास लगती है
- आँखों की रोशनी कम होने लगती है
- मरीज़ को बार-बार पेशाब जाना पड़ता है
- कहीं चोट लग जाय तो उसका ज़ख्म बहुत देरी से भरता है
- मरीज़ के हाथों, पैरों या फिर गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म होते हैं
- रोगी की त्वचा में बार बार स्किन इन्फेक्शन होता है
- लगातार शरीर में कहीं भी फोड़े-फुंसि निकलने लगते हैं
- बहुत ज़्यादा भूख लगती है
- चक्कर आते हैं
- ब्लड प्रेशर अनियमित होने लगता है
- किडनी का खराब होना भी एक संकेत हो सकता है
डायबिटीज के कारण | Causes of Diabetes [Hindi]
Genetic (अनुवांशिक) मधुमेह का रोग ज़्यादातर अनुवांशिक होता है. मतलब कि घर में माता या पिता को; शुगर डायबिटीज होगी तो उनके बच्चों को भी ये बीमारी होने का अंदेशा रहता है. अधिकतर मामलों में यह देखने को भी मिलता है.
- बाज़ार में बहुत ज़्यादा फ़ास्ट फ़ूड या जंक फ़ूड का खाना
- शारीरिक श्रम या मेहनत का कोई काम न करना
- ज़्यादा मोटापे की वजह से भी मधुमेह रोग हो जाता है
- बहुत ज़्यादा मानसिक तनाव भी एक वजह हो सकती है
- ज़्यादा चाय का कॉफ़ी पीने की आदत होना
- कोल्ड ड्रिंक्स पीने की लत
- ज़्यादा मिठाइयाँ खाने से भी शुगर की बीमारी हो सकती है
- तम्बाकू या सिगरेट अधिक पीना
मधुमेह का देशी इलाज | Sugar diabetes Ayurveda treatment [Hindi]
शुगर आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट: (Sugar Diabetes In Hindi) शुगर की बीमारी में जामुन बहुत फायदेमंद साबित होता है. देखने में आपको से बहुत साधारण लग रहा होगा, लेकिन ये एक कारगर और सटीक उपाय है. डायबिटीज के मरीजों के लिए ये वरदान है.
जामुन एक मौसमी सीज़न फल है. अगर आपको शुगर की बीमारी है तो आप इसके मौसम में ही रोजाना खाली; पेट जामुन का सेवन करें.
Type 2 diabetes treatment in Hindi
आपको ये देशी नुस्खा आजमाने के बाद शायद फिर डायबिटीज का इलाज करवाने की ज़रुरत न पड़े.
आप 100 ग्राम से लेकर 200-300 ग्राम जामुन अपने क्षमता के अनुसार खा सकते हैं. इसके इलाज के लिए अगर जामुन की गुठली को पीसकर पाउडर के रूप में गरम पानी से पीने में शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.
जामुन को मानसून का सबसे अच्छा और खास फल माना जाता है, इसीलिए खूब खाएं.
जामुन के औषधीय उपयोग भी हैं, इसका उपयोग कई तरह के रोगों को ठीक करने में किया जाता है.
इसके किसी तरह के कोई साइडइफ़ेक्ट भी देखने को नहीं मिलते. इस लिए ये एक सबसे बेहतर इलाज है.
जामुन जितना टेस्टी फल है, उतने ही इसके स्वास्थ्य लाभ भी हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए जामुन एक सस्ता और सरल उपाय है.
केवल जामुन ही नहीं, जामुन के बीज का पाउडर भी उतना ही फायदेमंद होता है.
जामुन के बीज का विभिन्न वैकल्पिक उपचारों में इस्तेमाल किया जाता है.
आयुर्वेदिक दवाओं से आसानी से डाइबटीज का देशी इलाज कर सकते है.
आयुर्वेद में डायबिटीज को कंट्रोल करने के कई सारे आसान उपाय है जिससे से आसानी से डाइबटीज का इलाज किया जा सकता है. वो भी बिना किसी मेहेंगी दवा का प्रयोग करे.
पाचन संबंधी रोगों में भी काम आता है जामुन
सिर्फ भारत ही नहीं यूनानी और चीन की दवाओं में पाचन संबंधी रोगों के लिए जामुन के बीजों; का उपयोग किया जाता है.
इसके पत्तों और छाल का ब्लड शुगर और मसूड़ों की सूजन जिन्जवाइटिस को कंट्रोल करने; के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
यह विटामिन ए और सी का बेहतर स्रोत है. और इसी वजह से ये डाइबटीज के इलाज करने; में सबसे बेहतर दवा और औषधी है.
जामुन एक बहुत छोटा सा फल है, लेकिन इसके कई सारे लाभ हैं जो आपको, शारीरिक और; मानसिक रूप से मजबूत बनाते हैं.
जामुन खाने के बाद उसकी गुठलियों को न फेंके
आपको को एक बात जानना बहुत जरूरी है, हर फल का बीज ही उसके पेड़ का निर्माण करता है. इसलिए फल से ज्यादा उनके बीजों के फायदे होते है, इसलिए जामुन को खाने के बाद उसके बीजों को फेंके नहीं है.
इसके बीजों को धूप में अच्छी तरह से सुखाकर रखे और जब या बीज सूख जाएँ तो इन सूखे हुए बीजों का पाउडर बना लें.
कैसे बनायें जामुन की गुठली से डायबिटीज की दवा?
Ayurvedic medicine for diabetes in hindi: जामुन से शुगर (मधुमेह) की बीमारी को आसानी से ठीक किया जा सकता है. इसके लिए हम आपको कुछ उपाय बता रहे हैं.
शुगर का इलाज करने के लिए आपको, जामुन की गुठली का पाउडर बनाना होगा. इसके लिए आपको कुछ स्टेप्स को फॉलो करने होंगे जो हम नीचे बता रहे हैं.
Warning symptoms of diabetes in Hindi
Sugar Diabetes In Hindi
- जामुन को खाने के बाद उसकी गुठली को अच्छी तरह से धो लें.
- इसके बाद उन्हें धूप में सुखा लें.
- सूखने के बाद उनका ऊपर का छिलका उतार लें.
- छिलका निकालने के बाद ये आपको पिस्ता की तरह नजर आएगा.
- इसको मिक्सर में डाल कर पीस लें.
- शुगर के मरीज़ इसका पाउडर सुबह शाम एक एक चम्मच पानी के साथ लें.
आप एक ख़ास बात का ख्याल रखें, जामुन सूखने के बाद उसकी गुठली मजबूत हो जाती है.
इसीलिए इनको मिक्सी में पीसने से पहले उनके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें तो ठीक रहेगा.
जामुन के गीले बीजों से भी आप पाउडर बना सकते हैं, इसके लिए बीजों को धोने के तुरंत; बाद एक पैन गर्म करें और उसमें बीजों को भून लें.
इसके बाद इनका पतला पाउडर बना लें और कंटेनर में रखें. रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच पाउडर खाएं.